भगन्दर (फिस्टुला): कारण, निदान एवं आयुर्वेद चिकित्सा
डॉ. नवीन चौहान, बी.ए.एम.एस., सी.आर.ए.वी. (क्षार सूत्र)
भगन्दर (Fistula in ano)
भगन्दर से पीड़ित एक रोगी. |
शल्य चिकित्सा के प्राचीन भारत के आचार्य सुश्रुत ने भगन्दर रोग की गणना आठ ऐसे रोगों में की है जिन्हें कठिनाई से ठीक किया जा सकता है. इन आठ रोगों को उन्होंने अपने प्रसिद्ध ग्रन्थ सुश्रुत संहिता में 'अष्ठ महागद' कहा है.
भगन्दर कैसे बनता है?
गुदा-नलिका जो कि एक व्यस्क मानव में लगभग ४ से.मी. लम्बी होती है, के अन्दर कुछ ग्रंथियां होती हैं व इन्ही के पास कुछ सूक्ष्म गड्ढे जैसे होते है जिन्हें एनल क्रिप्ट कहते हैं; ऐसा माना जाता है कि इन क्रिप्ट में स्थानीय संक्रमण के कारण स्थानिक शोथ हो जाता है जो धीरे धीरे बढ़कर एक फुंसी या फोड़े के रूप में गुदा द्वार के आस पास किसी भी जगह दिखाई देता है. यह अपने आप फूट जाता है. गुदा के पास की त्वचा के जिस बिंदु पर यह फूटता है, उसे भगन्दर की बाहरी ओपनिंग कहते हैं.भगन्दर के बारे में विशेष बात यह है कि अधिकाँश लोग इसे एक साधारण फोड़ा या बालतोड़ समझकर टालते रहते हैं, परन्तु वास्तविकता यह है कि जहाँ साधारण फुंसी या बालतोड़ पसीने की ग्रंथियों के इन्फेक्शन के कारण होता है, जो कि त्वचा में स्थित होती हैं; वहीँ भगन्दर की शुरुआत गुदा के अन्दर से होती है तथा इसका इन्फेक्शन एक पाइपनुमा रास्ता बनाता हुआ बाहर की ओर खुलता है.
भगन्दर के लक्षण:
- गुदा के आस पास एक फुंसी या फोड़े का निकलना जिससे रुक-रुक कर मवाद (पस) निकलता है.
- प्रभावित क्षेत्र में दर्द का होना
- प्रभावित क्षेत्र में व आस पास खुजली होना
- पीड़ित रोगी के मवाद के कारण कपडे अक्सर गंदे हो जाते हैं.
भगन्दर प्रकार FISTULA IN ANO; TYPES
आचार्य सुश्रुत ने भगन्दर पीडिका और रास्ते की आकृति व वात पित्त कफ़ दोषों के अनुसार भगन्दर के निम्न 5 भेद बताएं हैं;
- शतपोनक
- उष्ट्रग्रीव
- परिस्रावी
- शम्बुकावृत्त
- उन्मार्गी
१. लो - एनल :- चिकित्सा की द्रष्टि से सरल माना जाता है.
२. हाई - एनल :- चिकित्सा की दृष्टि से कठिन माना जाता है.
भगन्दर की चिकित्सा :
चिकित्सा की दृष्टि से देखा जाए तो भगन्दर औषधि साध्य रोग नहीं है, अर्थात यह पूर्णतया शस्त्र-साध्य (सर्जरी से ठीक होने वाला) रोग है.
आधुनिक सर्जरी में एक चीरे से भगन्दर के संक्रमित ट्रैक को काटकर निकाल दिया जाता है. इस ऑपरेशन को फिस्लेटूक्टोमी कहा जाता है. यदि इस ऑपरेशन की सफलता के बारे में बात करें तो लो-टाइप फिस्टुला में तो यह कुछ हद तक सफल है परन्तु हाई-टाइप फिस्टुला में सफलता की दर बहुत कम है. ज्यादातर केसों में यह दोबारा हो जाता है.
आधुनिक सर्जरी में गुदा के इंटरनल स्फिन्क्टर के कटने का ख़तरा रहता है, जिससे रोगी की मल को रोकने की शक्ति समाप्त हो जाती है और मल अपने आप ही निकल जाता है. यह एक काफी विकट स्थिति होती है.
आचार्य सुश्रुत ने भगन्दर और नाड़ीव्रण (sinus) में छेदन कर्म और क्षार सूत्र का प्रयोग बताया है.
आयुर्वेद क्षार सूत्र चिकित्सा :-
आयुर्वेद में एक विशेष शल्य प्रक्रिया जिसे क्षार सूत्र चिकित्सा कहते हैं, के द्वारा भगन्दर पूर्ण रूप से ठीक हो जाता है. इस विधि में एक औषधियुक्त सूत्र (धागे) को भगन्दर के ट्रैक में चिकित्सक द्वारा एक विशेष तकनीक से स्थापित कर दिया जाता है. क्षार सूत्र पर लगी औषधियां भगन्दर के ट्रैक को साफ़ करती हैं व एक नियंत्रित गति से इसे धीरे धीरे काटती हैं. इस विधि में चिकित्सक को प्रति सप्ताह पुराने सूत्र के स्थान पर नया सूत्र बदलना पड़ता है.
क्षार सूत्र बंधन के उपरान्त भगन्दर का एक रोगी |
इस विधि में रोगी को अपने दैनिक कार्यों में कोई परेशानी नहीं होती है, उसका इलाज़ चलता रहता है और वह अपने सामान्य काम पहले की भांति कर सकता है. इलाज़ के दौरान एक भी दिन अस्पताल में भर्ती होने की जरुरत नहीं होती है. क्षार सूत्र चिकित्सा सभी प्रकार के भगन्दर में पूर्ण रूप से सफल एवं सुरक्षित है. यह बात अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ICMR, पी.जी.आई. चंडीगढ़ जैसे संस्थानों द्वारा किये गए अनेक शोधों और क्लिनिकल ट्रायल द्वारा सिद्ध हो चुकी है. क्षार सूत्र चिकित्सा में इंटरनल स्फिन्क्टर के कटने और रोग के दोबारा होने की संभावना लगभग नगण्य होती है.
कोई भी क्वालिफाइड आयुर्वेद चिकित्सक जिसने क्षार सूत्र में विशेषज्ञता प्राप्त की हो, इस चिकित्सा को कर सकता है. तथाकथित बंगाली डॉक्टर जो की वास्तव में अन क्वालिफाइड होते है, बवासीर, भगन्दर आदि रोगों की धागे से चिकित्सा करते हैं, परन्तु वह वास्तव में क्षार सूत्र न होकर कुछ और ही होता है. अतः ऐसे फर्जी चिकित्सकों से बचना चाहिए और क्वालिफाइड डॉक्टर से ही इलाज़ करवाना चाहिए; विशेषकर जब रोग भगन्दर जैसा कठिन हो.
लेखक एक क्वालिफाइड आयुर्वेद क्षार सूत्र विशेषज्ञ चिकित्सक हैं , और पिछले 14 वर्षों से क्षार सूत्र चिकित्सा में सफलतापूर्वक प्रैक्टिस कर रहे हैं .
कोई भी शंका होने पर इनसे nchauhan.dr@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है. Please call at 7861888100 for an appointment.
कोई भी शंका होने पर इनसे nchauhan.dr@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है. Please call at 7861888100 for an appointment.