Wednesday, October 8, 2014

क्षार सूत्र चिकित्सा: प्रश्न आपके उत्तर हमारे

क्षार सूत्र चिकित्सा: प्रश्न आपके उत्तर हमारे 


1. प्रश्न - क्षार-सूत्र चिकित्सा क्या है?
उत्तर - क्षार-सूत्र चिकित्सा प्राचीन आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रक्रिया है, जिसमें बवासीर (Piles), भगन्दर (Fistula in ano), Fissure तथा अन्य गुदागत रोगों का स्थाई उपचार किया जाता है। क्षार-सूत्र को विशेष आयुर्वेदिक औषधियों के कई लेप करके लगभग एक माह में तैयार किया जाता है।


2.प्रश्न - ऐसा क्या है जो इस चिकित्सा पद्धति को इतना खास बनाता है?
उत्तर - जब इस पद्धति के बारे में आप आगे पूरा विवरण पढ़ेगें तो स्वयं जान जायेगें कि यह इतनी खास क्यों है।


3.प्रश्न - क्या यह एक ऑपरेशन है? क्या इसमें भर्ती होना पड़ता है तथा मैं अपने नियमित कार्यों को सुचारू रूप से पुनः कब प्रारम्भ कर सकता/सकती हूँ? उत्तर - यह एक minimum invasive procedure है, जिसमे Ksharsutra Ligation किया जाता है, अतः इसे ऑपरेशन कहना उचित नहीं होगा। यह एक थोड़ी देर की खास चिकित्सा प्रक्रिया है, जिसमें रोगी को भर्ती नहीं होना पड़ता है तथा रोगी उसी दिन अपने नियमित कार्यों क सुचारू रूप से कर सकता है। बस इलाज के दौरान कुछ सावधानियों व निर्देशों का पालन करना होता है।


4.प्रश्न - क्या इस प्रक्रिया में कोई खतरा होता है व दर्द अधिक होता है? उत्तर - अपने समकक्ष प्रचलित अन्य चिकित्सा प्रक्रियाओं की तुलना में यह सर्वाधिक सुरक्षित, सफल व सटीक चिकित्सा होने की वजह से इसमें खतरा एवं उपद्रव complications होने की सम्भावना नगण्य होती है। चूंकि दर्द की अनुभूति हर व्यक्ति में अलग-अलग होती है अतः यह कह पाना कि कितना दर्द होगा, सम्भव नहीं है। अन्य प्रक्रियाओं की तरह ही इसमें थोड़ा बहुत दर्द हो सकता है।


5.प्रश्न - मेरा रोग कितने दिनों में ठीक हो जायेगा?
उत्तर - किसी भी रोग के सही होने का समय रोग व रोगी की स्थिति पर निर्भर करता है। सामान्यतः बवासीर (Piles) व फिशर 7 से 10 दिनों में ठीक हो जाते हैं तथा भगन्दर (Fistula in ano) के ठीक होने का समय रोग की जाँच के बाद ही बताया जा सकता है।


6.प्रश्न - एक बार सही होने के बाद क्या यह रोग दुबारा (Recurrence) तो नहीं हो जायेगा? उत्तर - यही तो इस प्रक्रिया की सबसे बड़ी विशेषता है कि इस विधि से सही हुए रोगों के दोबारा (Recurrence) होने की सम्भावना मात्र 3-5 प्रतिशत ही होती है जो कि चिकित्सा की दृष्टि से नगण्य है जबकि अन्य पद्धतियों में यही संभावना कहीं अधिक (कई बार तो 50 प्रतिशत तक)होती है।
साथ ही व्यवहार में देखा गया है कि कई रोगी उचित जानकारी के अभाव में Invalid, Unregistered, Unskilled quack लोगों से इलाज कराकर अपने रोग को वीभत्स स्थिति में ले आते है, ऐसी स्थिति में क्षार सूत्र चिकित्सा ही एक मात्र विकल्प है। इस प्रक्रिया की एक अहम विशेषता यह भी है High Anal Fistula की चिकित्सा करने पर Damage of anal sphincter & chances of incontinence की संभावना व्यवहारिक तौर नही होती जबकि Surgery या अन्य तरीकों से चिकित्सा कराने पर ये समस्यायें अक्सर हो जाती है।


7.प्रश्न - इलाज के दौरान क्या व कितने दिनों तक परहेज रखना होता है? उत्तर - ठीक होने तक हल्खा व सुपाच्य भोजन करना होता है, तलाभुना व मसालेदार भोजन न करें। कब्ज न होने दें तथा मल त्याग के समय जोर न लगायें। सलाद व पानी का सेवन खूब करें।


8.प्रश्न - क्या इलाज के दौरान दवायें अधिक खानी होंगी? उत्तर - नहीं, बस कुछ आवश्यक औषधियाँ ही लेनी होंगी।


9.प्रश्न - क्या इलाज में खर्च अधिक आता है? उत्तर - बिल्कुल नहीं। अन्य सभी प्रचलित चिकित्सा प्रक्रियाओं की तुलना में इतनी सुरक्षित, असरकारक, लाभप्रद व सटीक होने के बावजूद क्षारसूत्र चिकित्सा का खर्च व समयावधि दोनों ही काफी कम होते है।


10.प्रश्न - क्या यह रोग दवाओं से ही ठीक नही हो सकता है ? उत्तर - व्यवहारिक तौर पर देखा गया है कि केवल Piles व Fissure की प्रारम्भिक अवस्था वाले Cases के अलावा अन्य स्थितियों में ये रोग दवाओं से ठीक नही होते हैं। लोग वर्षो तक ठीक होने की आशा में तरह - तरह की दवाओं का प्रयोग करते रहते हैं, परन्तु इससे उन्हे मात्र कुछ समय तक ही आराम मिल पाता है जबकि उनका रोग अन्दर ही अन्दर ब़ता जाता है।
कई बार लोग सब कुछ जानते हुए surgery के भय या ज्यादा खर्च की वजह से भी समय रहते चिकित्सा नही कराते जिस वजह से उन्हे स्थाई समाधान नहीं मिल पाता।

Author: 
Dr. Naveen Chauhan
Director and Consultant Ayurveda Proctologist
Shri Dhanwantari Clinic, Ghaziabad
Phone: +91-9818069989