Wednesday, February 11, 2015

भगन्दर के एक रोगी की कहानी उसी कि जुबानी ! जानिये क्षार सूत्र चिकित्सा से कैसे ठीक हुआ शब्बीर का भगन्दर?


दोस्तों!
मेरा नाम शब्बीर खान है और मैं ग्रेटर नॉएडा, उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ. ये बात वर्ष 2010 की है जब मुझे अचानक सुबह टॉयलेट जाने पर खून आया. यह खून बिना किसी दर्द के और बूंदों के रूप में आया. मैं अपने फॅमिली डॉक्टर से मिला तो उन्होंने कुछ दवाइयां लिखी और कहा की ये बवासीर की शुरुआत हो सकती है. मैंने कुछ दिन दवाइयां खायी और ठीक हो गया. फिर लगभग एक महीने बाद मुझे वही समस्या फिर से हुई और फिर से खून आया और इस बार मुझे कुछ मस्से जैसा गुदा से बाहर निकलता महसूस हुआ. इस बार मैंने अपने फैमिली डॉक्टर की सलाह पर ग़ाज़ियाबाद के आयुर्वेद क्षार सूत्र स्पेशलिस्ट डॉ0 नवीन चौहान जी को दिखाया. उन्होंने मुझे चेक अप के बाद (पाइल्स) 2nd Degree Hemorrhoids बताई और कहा कि ये क्षार सूत्र चिकित्सा से पूरी तरह ठीक हो जायेगा.
दुर्भाग्य से मुझसे डॉक्टर साहब का परचा व फ़ोन नंबर कहीं खो गया. मैं कुछ दवाइयां लेता रहा परन्तु मुझे कभी कभी जब कब्ज़ ज्यादा हो जाती थी, तब मुझे टॉयलेट में खून भी आता था और मस्से भी बाहर आते थे.
13 फरवरी 2013 को मैंने अपने एक रिश्तेदार की सलाह पर बवासीर के लिए मस्सो में इंजेक्शन लगवा लिया और बाद में मुझे पता लगा की इंजेक्शन लगाने वाला कोई क्वालिफाइड डॉक्टर नहीं था. वो हर बीमारी में इंजेक्शन लगता था और प्रचार से उसकी दूकान बहुत चल रही थी. इंजेक्शन लगवाने के कुछ दिनों तक मैं ठीक रहा परंतु लगभग 4-5 महीनों के बाद मुझे गुदा के पास एक गांठ जैसी महसूस हुयी जो अपने आप फूट गयी और उससे पास (मवाद) आने लगी। कभी कभी दर्द भी होता था। मेरे बड़े भाई मुझे ग्रेटर नोएडा के ही एक बड़े अस्पताल ले गए जहाँ सर्जन ने मेरा चेक अप किया और फिस्टुला (भगन्दर) का होना बताया और ऑपरेशन की सलाह दी। कुछ टेस्ट करवाने के बाद दिनांक 12 जुलाई 2013 को उन्होने मेरा ऑपरेशन कर दिया। ऑपरेशन के बाद लगभग 20-25 दिनों तक मुझे रोज़ ड्रेससिंग करवानी पड़ती थी और कुछ एंटीबायोटिक दवाइयाँ भी खानी पड़ी। लगभग 1 माह बाद मैं ठीक हो गया। परंतु ऑपरेशन के लगभग 45 दिनों के बाद उसी जगह से फिर से मवाद आने लगी। अब मैंने फिर से उन्ही सर्जन को दिखाया तो वो बोले कि धीरे धीरे ये ठीक हो जाएगा। मैंने कुछ दिन इंतजार किया परंतु पस का आना बंद नहीं हुआ और मेरी हालत फिर से खराब हो गयी। अब मैं फिर से अपने फॅमिली डॉ0 एन0 के0 अरोरा जी के पास गया और उन्होनें फिर से डॉ0 चौहान के पास जाने कि सलाह दी। डॉ0 चौहान ने मेरा फिर से चेक अप किया और बताया कि ये फिस्टुला (भगन्दर) दोबारा से हो गया है और आधुनिक सर्जरी करवाने के बाद अक्सर ऐसा हो जाता है। डॉ0 चौहान ने मुझे यह भी बताया कि यदि मैं इंजेक्शन ना लगवाता तो शायद फिस्टुला होने कि नौबत ही नहीं आती। डॉ0 चौहान ने मेरी पुरानी रिपोर्ट देखी और कुछ टेस्ट फिर से करवाए और क्षार सूत्र पद्धति द्वारा दिनांक 16 सितंबर 2013 को मेरा इलाज़ शुरू किया। मुझे हर हफ्ते क्षार सूत्र बदलवाने के लिए श्री धन्वन्तरी क्लीनिक, गाज़ियाबाद आना पड़ता था। डॉ0 चौहान ने मुझे पेट ठीक रखने के लिए आयुर्वेदिक दवाइयाँ भी दी, जिन्हे मैंने नियमित रूप से लिया। लगभग 04 महीनों बाद जनवरी 2014 में मेरा धागा (क्षार सूत्र) निकल गया और भगन्दर का ट्रैक कटकर जख्म पूरी तरह ठीक हो गया। आज मुझे ठीक हुए एक साल से भी ज्यादा हो गया है। मैं पूर्ण रूप से स्वस्थ हूँ और डॉ0 चौहान का बहुत बहुत आभारी हूँ जिन्होनें मुझे इस कठिन बीमारी से मुक्त करने में मदद की।
मैंने यह महसूस किया यदि मैं शुरू में ही बवासीर के लिए डॉ0 चौहान की बात मानकर क्षार सूत्र चिकित्सा करवा लेता और इंजेक्शन के चक्कर में न पड़ता तो शायद मेरी बीमारी इतनी ज्यादा नहीं बढ़ती।
दोस्तों यदि आपको भी इस तरह कि कोई बीमारी है तो आप देर ना करें आज ही डॉ0 चौहान सरीखे किसी तजुर्बेकार क्षार सूत्र स्पेशलिस्ट डॉक्टर को दिखाकर अच्छे से इलाज़ करवाएँ। किसी के कहने पर इधर उधर भटकने से कई बार लेने के देने पड जाते हैं।